****प्रकृति के तीन नियम**** **प्रकृति का पहला नियम**
यदि खेत में बीज न डालें जाएं तो कुदरत उसे घास-फूस से भर देती हैं ।
ठीक उसी तरह से दिमाग में सकारात्मक विचार न भरे जाएँ तो नकारात्मक विचार अपनी जगह बना ही लेती है । 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
**प्रकृति का दूसरा नियम**
जिसके पास जो होता है वह वही बांटता है।
सुखी "सुख "बांटता है
दुःखी "दुःख " बांटता है
ज्ञानी "ज्ञान" बांटता है
भ्रमित "भ्रम "बांटता है
भयभीत" भय "बांटता 🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 **प्रकृति का तीसरा नियम**
आपको जीवन से जो कुछ भी मिलें उसे पचाना सीखो क्योंकि
भोजन न पचने पर रोग बढ़ते है।
पैसा न पचने पर दिखावा बढ़ता है
बात न पचने पर चुगली बढ़ती है ।
प्रशंसा न पचने पर अंहकार बढ़ता है।
निंदा न पचने पर दुश्मनी बढ़ती है ।
राज न पचने पर खतरा बढ़ता है ।
दुःख न पचने पर निराशा बढ़ती है ।
और सुख न पचने पर पाप बढ़ता है ।
बात कड़वी है परंतु सत्य है.... ओम् शांति
FREEDOM FROM ALL EVILS, MISCONCEPTION, CONDITIONED LAYERS ON HUMAN MIND THROUGH HIS ENVIRONMENT AND SOCIETY.
No comments:
Post a Comment