*ध्यान* *(Meditation) क्यों करना* *चाहिए* ?
*ध्यान* *(Meditation) में क्या* *ताकत है* ?
*साधना का क्या महत्व है*....?
जब १०० लोग एक साथ साधना करते है तो उससे उत्पन्न लहरें
५ कि.मी. तक फैलती है !
यह नकारात्मकता शक्ति को नष्ट कर ,
सकारात्मकता का निर्माण करती है ।
विश्व विख्यात आईस्टांईन नें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा था ...
एक अणु के विधटन से लगत के अणुओ का विधटन होता है !
आज हम इसे हम *अणु विस्फोट* कहते है !
यही सुत्र हमारे पुर्वज ऋषि , मुनियों ने हमें हजारों साल पहले दिया है ।
आज पृथ्वी पर केवल ४% लोंग ही ध्यान करते है , बचे ९६% लोंगो को इसकी पॉजिटिव इफेक्ट मिलती है।
अगर हम भी लगातार ९० दिनो तक ध्यान करे तो इसका सकारात्मक प्रभाव हमे और हमारे परिवार
पर दिखाई देगा।
पृथ्वी पर १०% लोंग ध्यान करनें लगे तो पृथ्वी पर विद्यमान लगभग सभी समस्यायों का नष्ट इसी ध्यान की शक्ति से हो सकता है।
उदारहण के लिए हम बात करें
" महर्षि महेश योगीजी " की , जीन्होने सन् १९९३ में अमरीकी वैज्ञानिकों के समक्ष यह सिद्ध किया था ।
हुआ यूं कि उन्होने वॉशिंगटन डि सी में ४००० अध्यापको को बुलाकर एक साथ *ध्यान* (मेडिटेशन) करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि , शहर का क्राईम रिपोर्ट मे ५०% तक की कमी पायी गई थी ।
वैज्ञानिकों को तो इस का कारण समझ नहीं आया पर उन्होनें इसे
" महर्षि इफेक्ट " यह नाम दिया था ।
भाईयों यह ताकत है " *ध्यान* " मे ।
यदी हम हमारे आध्यात्मिक यश पर श्रम करे तो इस जगत को अधिक से अधिक लाभ सकता है ।
" *जरुरत है ध्यान से स्वत: को खोजनें की* "
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