BEST GAMES

Friday, June 2, 2017

महाभारत

महाभारत I महाभारत में अर्जुन ने लडाई से इंकार कर दिया और भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए उसके विभिन्न शंकाओं का निराकरण करना शुरु किया जिससे वह इस लडाई में हिस्सा लेने को तैयार हो जाए I भगवान के सभी वचनों को संयोजन गीता के अध्याय दर अध्याय अर्जुन को समझाने के पश्चात भी उसके तमाम शंकाओं का निराकरण तब तक संम्भव न हो सका जबतक उसने भगवान श्रीकृष्ण के असली स्वरूप का दर्शन न हुआ I और जैसे ही अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूप का साक्षात्कार हुआ, उसके सभी प्रश्न, उसकी सभी शंकाएं स्वत: समाप्त हो गयीं और वह क्या कहता है........)
_ जब साक्षात्कार हुआ तो अर्जुन क्या कहता है....? “मुझे माफ़ करना, मैं नहीं जानता था कि आप कौन हैंI मैं तो समझता था कि आप मेरे मित्र हैं, मैं आपके साथ बैठता था, मुझे माफ़ करना मैं नहीं जानता था कि आप कौन है”I"
एक तो यह बात समझो कि- कैसे नहीं मालुम था अर्जुन को कि वे कौन हैं? जिसके अन्दर सारा संसार समाया हुआ है और जो सारे ब्रह्माण्ड में समाया हुआ है, उसके साथ बैठने के बाद भी अर्जुन को नहीं मालुम था कि वे कौन हैं? अरे.....! कुछ तो लीक हो जाता न! इधर..... उधर! पर कुछ नहीं हुआI कोई खबर नहीं, पर जब साक्षात्कार हुआ और जब वह जान गया, ‘मान नहीं’..., ‘जान गया’ तब लडाई के लिए तो तैयार हो ही गया पर उससे पहले कहता है.... क्या? कि “मुझे माफ़ कर दो! मुझे नहीं मालुम था कि आप कौन हैंI”
यही साक्षात्कार का होना ही इस जिंदगी में ज्ञान को पाना है, क्योंकि तुम कहीं भी हो, किसी भी लडाई में हो, अर्जुन को तो सिर्फ एक लडाई लड़नी थी, तुमको तो कई लडाई लड़नी हैI ....नहीं? तुम्हारी तो कितनी महाभारत पड़ी है- बीवी के साथ महाभारत, पति के साथ महाभारत, सास के साथ महाभारत, बेटे के साथ महाभारत, पडोसी के साथ महाभारत, गवर्नमेंट के साथ महाभारत और जो बिजिनेस करने वाले हैं उनको तो टैक्स डिपार्टमेंट के साथ महाभारत करनी ही हैI तो कितनी ही

No comments:

Post a Comment

Translate